

हिन्दी भाषा की विविधता, सौन्दर्य, डिजिटल और अंतराष्ट्रीय स्वरुप को विगत 14 वर्षों से वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठापित करती आ रही लखनऊ की संस्था परिकल्पना के द्वारा नयी दिल्ली, लखनऊ, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाईलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, इन्डोनेशिया, मॉरीशस, वियतनाम और कंबोडिया के बाद इस वर्ष 12 वां अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव का आयोजन 5 जनवरी से 12 जनवरी 2020 तक संयुक्त अरब अमीरात के दो प्रमुख शहर क्रमश: शारजाह, दुबई, भारतीय शहर कोच्चि होते हुये मालदीव की राजधानी माले में हुआ। पहले दिन का उदघाटन सत्र शारजाह में आयोजित किए गए। दूसरे दिन का कार्यक्रम दुबई के डेलमों पैलेस सभागार में। इसी प्रकार लघुकथा और हाइकू पर केन्द्रित कार्यक्रम भारतीय शहर कोची में तथा समापन मालदीव की राजधानी माले में हुआ। मालदीव में विश्व हिन्दी दिवस पर पृष्ठांकित कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध संगीतकार सरोज सुमन द्वारा संगीतबद्ध तथा भारत के पश्चिम रेलवे द्वारा प्रस्तुत "हिन्दी संकल्प गीत" का वीडियो प्रसारित कर किया गया।
आठ दिनों तक चले इस उत्सव में लखनऊ से प्रकाशित परिकल्पना समय मासिक पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. रवीन्द्र प्रभात का उद्वोधन, 8 हिन्दी पुस्तकों का विमोचन, लोकगायन व नृत्य की प्रस्तुति तथा विभिन्न देशों में हिन्दी पढ़ रहे छात्रों से विशेष संवाद भी किया गया।
इसके अलावा 20 साहित्यकारों, पत्रकारों, संस्कृतिकर्मियों तथा नाट्यकर्मियों क्रमश: लखनऊ के श्री राजीव प्रकाश, आभा प्रकाश, अभिषेक कुमार मिश्रा, लखीमपुर खीरी की डॉ सुशीला सिंह, सुल्तानपुर के डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी, राए बरेली के डॉ चम्पा श्रीवास्तव, डॉ राजेंद्र बहादुर श्रीवास्तव और श्री रमाकांत तिवारी "रामिल", आगरा से श्री शिव सागर एवं डॉ प्रभा गुप्ता, गाजियाबाद से डॉ मीनक्षी सक्सेना, डॉ सुभासिनी शर्मा और डॉ अरुण शास्त्री "आवोध बालक", मधेपुरा के डॉ अमोल रॉय और उज्जैन के डॉ क्षमा सीसोदिया आदि को परिकल्पना सम्मान प्रदान किए गए। वहीं उत्तर प्रदेश की संस्था अवध भारती संस्थान की ओर से रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में दो साहित्यकारों क्रमश: डॉ पूर्णिमा वर्मन और उज्जैन की डॉ क्षमा सीसोदिया का सम्मान किया गया। साथ ही कई शहरों में परिचर्चा सत्र और कवि सम्मेलन भी आयोजित हुये।

बधाई एवं आगामी कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएँ
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