हिंदी के युग प्रवर्तक थे मुंशी प्रेमचंद हिंदी के युग प्रवर्तक थे मुंशी प्रेमचंद

संपादकीय मुंशी प्रेमचंद्र को बचपन से ही कहानी सुनने और लिखने का शौक था। इसी शौक ने उन्हें महान कहानीकार और उपन्यासकार बना दिया। उन्...

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July 31, 2018

2019 का लोकसभा चुनाव: यह जीत नहीं आसां इतना समझ लीजे..... 2019 का लोकसभा चुनाव: यह जीत नहीं आसां इतना समझ लीजे.....

-ललित गर्ग  न रेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से चार साल में पहली बार पेश अविश्वास प्रस्ताव बड़े अंतर से गिर जाना हो या ...

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July 23, 2018

डॉ शिवबहादुर सिंह भदौरिया जयंती सम्मान समारोह 2018  डॉ शिवबहादुर सिंह भदौरिया जयंती सम्मान समारोह 2018

लालगंज (रायबरेली): रविवार: 15 जुलाई 2018: बैसवारा इंटर कालेज के सभागार में कव्यालोक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ने सुप्रसिद्ध गीतक...

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July 23, 2018

सुशांत सुप्रिय की कविताएँ सुशांत सुप्रिय की कविताएँ

1. इससे तो बेहतर है                                                           जीभ साबुत है  मगर सच बोलने से  क़तरा रही है  ...

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July 20, 2018

नीरज : सतरंगी रेखाओं की सादी तस्वीर नीरज : सतरंगी रेखाओं की सादी तस्वीर

स्मृति शेष  -ललित गर्ग  स म्पूर्ण मानवता को एक नई फिजा, एक नया परिवेश देने, हममें सौन्दर्यप्रेम एवं राष्ट्रीयता का भाव जागृत करने, जी...

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July 20, 2018

इब्राहीम अश्क की गज़लें इब्राहीम अश्क की गज़लें

(एक)  सौ रंग तेरे मानी-ओ-मफ़हूम-ए-ख़यालां हर बार ही पाकीज़ा लगे जोश-ए-जमालां हर एक अदा तेरी क़यामत की अदा है शरमाये तेरे सामने दुनिया क...

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July 20, 2018

अनुपमा श्रीवास्तव 'अनुश्री' की कविता देशराग अनुपमा श्रीवास्तव 'अनुश्री' की कविता देशराग

देशरा ग' दिव्य धरा है ये भारत की, राष्ट्रवीरों की जननी। कण-कण श्रम पल्लवित वीर पुष्प जहाँ खिले वेदों,गीता से निसृत वाणी फ़िज...

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July 20, 2018

हरदीप सबरवाल की कविताएँ हरदीप सबरवाल की कविताएँ

१. मध्यवर्ग की स्त्रियां वो निम्नवर्ग की औरतों सी बीड़ीयों के धुऐं नही उड़ाती और ना ही उनके जैसे मर्दो सी भारी भरकम गालियां बकती, ...

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July 20, 2018

प्रतिकूल परिस्थिति में संतुलन कैसे रखें ? प्रतिकूल परिस्थिति में संतुलन कैसे रखें ?

अध्यात्म  -ललित गर्ग    ह र व्यक्ति को जीवन में निराशा एवं प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना ही पड़ता है, लेकिन सफल और सार्थक ज...

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July 20, 2018

गूंगा हो गया हिन्दी का गीत, अनंत में विलीन हो गया एक महाकाव्य गूंगा हो गया हिन्दी का गीत, अनंत में विलीन हो गया एक महाकाव्य

संपादकीय  म हाकवि गोपाल दास नीरज अर्थात हिन्दी काव्य जगत का एक ऐसा दीपक, जिसकी लौ जलती रही कई युगों तक हिन्दी को प्रकाशमान बनाए र...

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July 20, 2018

समाज में उजालें कम क्यों हो रहे हैं? समाज में उजालें कम क्यों हो रहे हैं?

- ललित गर्ग  स्वार्थ चेतना अनेक बुराइयांे को आमंत्रण है। क्योंकि व्यक्ति सिर्फ व्यक्ति नहीं है, वह परिवार, समाज और देश के निजी दायित...

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July 17, 2018

कचरा बनी दिल्ली में टूटती जीवन सांसें कचरा बनी दिल्ली में टूटती जीवन सांसें

- ललित गर्ग  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान एवं उनके कथन कि “एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की ...

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July 17, 2018

खतरे में है भारत की सांस्कृतिक अखंडता और विरासत खतरे में है भारत की सांस्कृतिक अखंडता और विरासत

डॉ0 अर्पण जैन 'अविचल'  भारत देश एक बहु-सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ बना एक ऐसा राष्ट्र है जो दो महान नदी प्रणालियों, सिंधु तथा ...

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July 17, 2018

विश्व में एक और नन्हा भारत मॉरीशस विश्व में एक और नन्हा भारत मॉरीशस

()डॉ0 गोपाल नारायण श्रीवास्तव   वै ज्ञानिक मान्यता है कि पृथ्वी की चलायमान “प्लेट्स” के कारण समुद्रतल से ज्वालामुखी-विस्फोट के फलस्वरू...

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July 17, 2018

स्वर्ग की अनुभूति कराता है मॉरीशस का श्रेष्ठ मौसम स्वर्ग की अनुभूति कराता है मॉरीशस का श्रेष्ठ मौसम

()डॉ0 मिथिलेश दीक्षित स पनों सा सुंदर देश, मॉरीशस, जहाँ सफेद रेत से चमकते तट, सूर्यास्त का नज़ारा, खुला समुद्र और चट्टानों से लहरों...

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July 16, 2018
 
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