
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में शिरोमणि अकाली दल के और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढिंडसा ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल सहयोगियों को पूरा सम्मान नहीं मिल रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में शिरोमणि अकाली दल को बहुत सम्मान मिला था। उस समय उनकी पार्टी के दो राज्यपाल और अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन चुने गए थे। अभी इस संबंध में गठबंधन के सहयोगियों से कोई सलाह नहीं ली गई। न ही अध्यक्ष के लिए और न ही राज्यपाल के लिए...शिरोमणि अकाली दल की ओर से किसी को भी अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य भी नियुक्त नहीं किया गया।
वहीं शिरोमणि अकाली दल के लोकसभा सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के कामकाज में अंतर साफ नजर आ रहा है। गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया जा रहा है जबकि ऐसा होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कुछ हद तक, भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल करना एक कारण हो सकता है। जब भी हमें मौका मिला, हम अपनी बात रखेंगे। हमारा साफ कहना है कि 'सबका साथ, सबका विकास' गठबंधन में भी नजर आना चाहिए।
इसी तरह बिहार में एनडीए के सहयोगी आरएलएसपी के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में आरजेडी नेताओं के साथ मंच साझा किया। ये कार्यक्रम प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बेहतर करने को लेकर आयोजित किया गया था। आरएलएसपी की ओर से कहा गया है कि पार्टी जेडीयू के साथ बीजेपी के गठबंधन करने से खुश नहीं है। पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने इस दौरान इस बात की ओर इशारा किया कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में सभी 40 सीटों पर चुनाव में उतरेगी।
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