भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (अंतिम किश्त) - रामबाबू नीरव रानी पद्मावती के अनुपम सौंदर्य की किंवदंतियां उड़ते उड़ते कुंभलनेर (कुंभलगढ़) के राज...
रानी पद्मावती तथा गोरा-बादल के शौर्य की गाथा.
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (सप्तम किश्त) - रामबाबू नीरव गोरा और बादल नाम के दो वीर योद्धा चितौड़गढ़ की शान थे. वे दोनों राजा रत्नसिंह के दो हा...
नागमती की विरह- वेदना और बारह मासा
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि पद्मावत की कथा (पंचम किश्त) -रामबाबू नीरव उस काल की परंपरा के अनुसार राजाओं और बादशाहों को कई कई विवाह करने के अध...
पद्मावती और रत्नसिंह का प्रेमाख्यान
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि पद्मावत की कथा (चतुर्थ किश्त) - रामबाबू नीरव हीरामन राजा रत्नसिंह के समक्ष अपनी स्वामिनी पद्मावती के अनुपम सौंदर्य...
हे राम! और चरखे से सूत कातने का अर्थ
डॉ राजेश श्रीवास्तव निदेशक रामायण केन्द्र =================== हे राम! महात्मा गांधी के बारे में सोचते हुए विचार आया। बा को गुजराती गिरधर...
मलिक मुहम्मद जायसी का "पद्मावत"
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (तृतीय किश्त) - रामबाबू नीरव पूर्व के आख्यानों में हमलोग मलिक मुहम्मद जायसी के जीवन की कथा को जान चुके हैं. अब आ...
मलिक मोहम्मद जायसी और उनकी साहित्य साधना
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (द्वितीय किश्त) -रामबाबू नीरव जायस के लोगों की मान्यता के अनुसार मलिक मुहम्मद जायसी को एक ही पुत्र था और वे अपने पु...
पद्मावत के रचयिता : मलिक मुहम्मद जायसी
भक्तिकाल के मुस्लिम (प्रथम किश्त) - रामबाबू नीरव "कहा मानसर चहा सो पाई। पारस रूप इंह लगी आयी।। भा निरभर तेन्ह पायब पर से। पावा रूप ...
टोक्यो में परिकल्पना की रजत जयंती यात्रा समारोह संपन्न
टोक्यो: 23 सितम्बर 2024 (सांस्कृतिक संवाददाता की रिपोर्ट) दिन के पूर्वार्द्ध में हिन्दी के अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन व सम्मान समारोह क...
कवि आलम शेख की तथा शाह आलम की वास्तविकता
भक्तिकाल के मुस्लिम (दूसरी किश्त) - रामबाबू नीरव कवि आलम शेख तथा बादशाह औरंगजेब के द्वितीय पुत्र मुआज्जम (कहीं कहीं मुअज्ज़म) को लेकर कई ...
कवि आलम शेख की कहानी
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (प्रथम किश्त) -रामबाबू नीरव ब्रजभाषा के सर्वमान्य कवियों के रूप में अपने ग्रंथ "काव्य निर्णय" में भिखा...
रस के खान : रसखान
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि - रामबाबू नीरव ***** "तुम राम कहो वो रहीम कहें, दोनो की गरज अल्लाह से है। तुम दी...
कृष्ण भक्त रसखान की कथा
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (दूसरी किश्त) -रामबाबू नीरव गतांक से आगे :- एक दूसरी कथा के अनुसार जागीरदार का पुत्र सैयद इब्राहिम अपने जवानी के...
हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में चुने जाने का निर्णय
- पवन कुमार जैन आज 14 सितम्बर है,, आज ही के दिन 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में चुने जाने का निर्णय लिया था ,, इस...
कृष्ण भक्त रसखान की कथा
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (प्रथम किश्त) -रामबाबू नीरव "मानुस हौं तो वही रसखानि, बसौं मिली गोकुल गाँव के ग्वारन । जो पशु हौं तो कहा बस...
गोस्वामी तुलसीदास और बादशाह अकबर
भक्तिकाल के संत और कवि -रामबाबू नीरव गोस्वामी तुलसीदास जी के रामचरितमानस मानस की कथा काफी प्रचलित है और इस कथा को बच्चा बच्चा जानता है, इसल...