लखनऊ (सांस्कृतिक संवाददाता)। परिकल्पना लखनऊ की एक ऐसी संस्था है जो पूरी दुनिया में घूम घूम कर हिन्दी का प्रचार प्रसार करती है। अपनी पच्चीस विदेशी यात्राओं में यह संस्था काठमांडू (नेपाल),  थिंपू (भूटान), पारो (भूटान), कैंडी, नुवारा एलिया, कोलंबो एवं निगंबो (श्री लंका), पटाया (थाइलैंड), बैंकॉक (थाईलैंड), सिंगापुर, जोहोर बहरू (मलेशिया), कुवलालमपुर (मलेशिया), बाली (इंडिनेशिया), जकार्ता (इंडोनेशिया), पोर्टलुई (मॉरीशस), विक्टोरिया (सेशेल्स),ऑकलैंड, हेमिल्टन एवं रोटोरुआ (न्यूजीलैंड),शंघाई (चीन), हो ची मिन्ह, को ची एवं मेकोंग (वियतनाम), सीम रिप, नाम पेन्ह एवं अंगकोर वाट (कंबोडिया), शारजाह (यू ए ई), दुबई (यू ए ई), माले (मालदीव), ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड), पेरिस (फ्रांस),ब्रसेल्स (बेल्जियम),रोम (इटली) होते हुए 25 वीं यात्रा "बाकू" ( अजरबैजान) में 13 मार्च 2024 से 18 मार्च 2024के बीच संपन्न हुई। और अब यह 12 सितंबर से 20 सितंबर के बीच दक्षिण कोरिया एवं जापान में प्रस्तावित है।

'शान्त सुबह की भूमि' के रूप में ख्यात साउथ कोरिया एवं दुनिया की प्रमुख संस्कृति में से एक जापान की संस्कृति सहस्राब्दियों से देश के प्रागैतिहासिक जोम काल से बदलकर अपनी समकालीन आधुनिक संस्कृति में बदल गई है, जो एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका से प्रभावों को अवशोषित करती है। इसलिए भारत की सुप्रसिद्ध संस्था 'परिकल्पना ' की रजत जयन्ती यात्रा का समापन समारोह 12 सितम्बर,2024 से 20 सितंबर 24 तक दक्षिण कोरिया तथा जापान हेतु सुनिश्चित हुई है।  

परिकल्पना वैश्विक प्रसार समिति की अध्यक्षा डॉ मिथिलेश दीक्षित ने बताया कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में 14 सितम्बर 2024 को यानी हिन्दी दिवस पर परिकल्पना एवं माधवी फाउण्डेशन संयुक्त तत्वावधान में विश्व हिन्दी सम्मेलन सम्पन्न होगा। समिति के निर्णय के अनुसार दोनो संस्थाओं के सम्मलित तत्वावधान में जापान की राजधानी टोक्यो में 18 सितंबर 2024 को "अन्तर्राष्ट्रीय हाइकु सम्मेलन" सम्पन्न होगा, जिसमें हाइकु पुस्तक प्रदर्शनी, लोकार्पण, हाइकु विमर्श, हाइकुकार सम्मान आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे । इसमें जापान की साहित्यिक,शैक्षिक संस्थाओं की भी सहभागिता रहेगी ।  


                      

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