एक बार विधायक, उम्रभर ऐश!
एक कर्मचारी 60 साल काम करने के बाद भी पेंशन के लिए तरसता है, जबकि एक नेता 5 साल सत्ता में रहकर जीवनभर पेंशन पाता है। यह लोकतांत्रिक समानता क...
एक बार विधायक, उम्रभर ऐश!
एक कर्मचारी 60 साल काम करने के बाद भी पेंशन के लिए तरसता है, जबकि एक नेता 5 साल सत्ता में रहकर जीवनभर पेंशन पाता है। यह लोकतांत्रिक समानता क...
स्क्रीन का शिकंजा: ऑस्ट्रेलिया से सबक लेता भारत?
ऑस्ट्रेलिया ने 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए यूट्यूब समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने का साहसिक फैसला लिया है। यह कद...
पश्यन्ती : तीस
धारावाहिक उपन्यास -राम बाबू नीरव दोपहर का समय था फिर भी ठंड काफी थी. प्रातः काल से ही घने कोहरे के कारण भगवान भास्कर का दर्शन नहीं हो पा...
सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ते राजनेताओं के बच्चे
जब तक विधायक, मंत्री और अफसरों के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते रहेंगे, तब तक सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधरेगी। अनुभव से नीति बनती है, और ...
"ट्रांसफर फाइलें धूल फांक रही हैं: सरकार की मंशा सवालों के घेरे में"
हरियाणा में शिक्षक ट्रांसफर नीति वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ी है, जबकि सरकार ने CET परीक्षा मात्र एक महीने में आयोजित करवा दी — फॉर्म से ले...
चाइनीज मांझा: खुलेआम बिकती मौत की धार
✍🏻 डॉ. सत्यवान सौरभ हर शहर, हर गली, हर मोहल्ले में, जब बच्चे और किशोर पतंग उड़ाने निकलते हैं, तो उनका उद्देश्य केवल आसमान छूना होता है। ...
पश्यन्ती : उन्नतीस
धारावाहिक उपन्यास - राम बाबू नीरव गुलाब बाई के कोठे से निराश और हताश होकर फार्महाउस में आने के बाद, संध्या के वियोग में राजीव पूर्णरूपेण द...
पश्यन्ती : अठाईस
धारावाहिक उपन्यास - राम बाबू नीरव सेठ द्वारिका दास की बेटी सुमन लखनऊ की सबसे मंहगे कॉलेज की छात्रा थी. अपने हाव-भाव से वह यह दर्शाने की चे...
पश्यन्ती : सत्ताइस
धारावाहिक उपन्यास - राम बाबू नीरव "लो चाय पी लो." रूपा की आवाज सुनकर संध्या की तंद्रा भंग हो गई. रूपा चाय का कप टेबल पर रखकर तीक्...
पौराणिक सच- हमारे पुराणों का सच
हिंदू धर्म में वर्णित 18 महा पुराणों (एक पुराण लगभग 700- 1000 पेज ) के गहन अध्ययन के बाद लेखिका श्रीमती सुधा गोयल जी ने ' पौराणिक सच...
पश्यन्ती : छब्बीस
धारावाहिक उपन्यास - राम बाबू नीरव जब एक तेज हिचकोले के साथ गाड़ी रूकी तब राजीव की तंद्रा भंग हो गयी. लखनऊ के बदनाम मुहल्ले चौक, जिसे हुस्न...