लखनऊ (14 नवम्बर): मौका था परिकल्पना परिवार के दीपावली मिलन समारोह की। लखनऊ के डंडैया बाजार स्थित आस्था प्लाजा के परिकल्पना कार्यालय में आयोजित एक समारोह में उपस्थित हुए अवधी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम बहादुर मिश्र, प्रख्यात कथाकार एवं आलोचक डॉ विनय दास, कवियत्री डॉ सत्या सिंह, रेवांत पत्रिका की संपादक डॉ अनिता श्रीवास्तव, चर्चित लोक गायिका श्रीमती कुसुम वर्मा, शॉर्ट फिल्मों के निदेशक श्री राजीव प्रकाश, श्रीमती आभा प्रकाश, अनुवादक श्री गौतम रॉय, कवि राजा भैया गुप्ता "राजाभ", अनिल सक्सेना, कविता सक्सेना, अनुपम वर्मा, एक्सपर्टीज एजुकेशन के निदेशक शुभ चर्तुवेदी आदि की उपस्थिति रही। 

इस अवसर पर आलोचक,साहित्यकार डॉ विनय दास की नई पुस्तक "समीक्षा सोपान" समारोह का मुख्य आकर्षण रही। इस पुस्तक में 28 लेख संकलित हैं, इन लेखों में जहां एक ओर शिवमूर्ति,संजीव,शकील सिद्दीकी,लक्ष्मीकांत वर्मा,मुद्राराक्षस आदि के व्यक्तित्व कृतित्त्व की पड़ताल है वहीं दूसरी ओर मानुष पुराण, एकांतवासी शत्रुघ्न, माकड़ किस्सा, प्रेम न हाट बिकाय, शोषण के अभ्यारण्य आदि पुस्तकों की समीक्षा। वहीं तीसरी ओर 'उपन्यास की दशा- दिशा'  एवं 'वामपंथी आलोचना की ढहती दीवार' की पड़ताल भी है। साथ ही इक्कीसवीं सदी में अभिव्यक्ति की नई क्रांति- 'सोशल मीडिया और उसकी चर्चित विधा -'ब्लॉगिंग' पर विस्तार से लिखा गया है।


समीक्षा के क्षेत्र में अपने सशक्त कदम आगे बढ़ाने वाले डॉ.विनय दास को उनकी  नवीन प्रकाशित कृति के लिए बधाई दी गई और विश्वास व्यक्त किया गया कि यह पुस्तक साहित्यकारों को एक दृष्टि देने में सफल होगी।    


इस अवसर पर लेखिका एवं चर्चित कवियित्री डॉ सत्या सिंह की पुस्तक "हाशिए पर गीत", "जीवन उल्लास" और "मैं हूं ना" काव्य संग्रह की भी चर्चा हुई। उन्होंने अपनी बेहतरीन कविताओं का पाठ भी किया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम बहादुर मिश्र ने अपनी पुस्तक " बिन्दास जिन्दगी की झक्कास यात्रा" के कुछ महत्वपूर्ण अंश का पाठ कर समारोह को अपने नाम कर लिया। वरिष्ठ रंगकर्मी श्री राजीव प्रकाश ने अपनी आने वाली फिल्म के बारे जानकारी दी। डॉ अनिता श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। आज की खुशी दोहरी और तेहरी तब हो गयी जब  डॉक्टर अनीता श्रीवास्तव ने बताया आज तो परिकल्पना परिवार की अध्यक्षा माला चौबे जी का जन्म दिन है।


इस अवसर पर समारोह को शबाब पर ले जाने का काम किया प्रसिद्ध लोक गायिका कल्चर दीदी श्री मती कुसुम वर्मा ने। उन्होंने अपने नए एलबम "जन जन के राम" से कुछ चुनिंदा गीत गुनगुनाए। इस अवसर पर अनुपम वर्मा, आभा प्रकाश, कविता सक्सेना, अनिल सक्सेना ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 


आभार व्यक्त किया प्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ रवीन्द्र प्रभात ने।

(सांस्कृतिक संवाददाता की रिपोर्ट)

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