खुद काजू की रोटी खाता
जनता से चक्की पिसवाता
भाषण में है भंग मिलाता
देशराग में गाना गाता
खुश अडानी , खुश है टाटा
पब्लिक का है गीला आटा
ढोता रह तू कर्जा - घाटा
उनकी मस्ती सैर - सपाटा
जर्जर भारत भाग्य विधाता
चीथड़े पहने नाच दिखाता
आजादी का जश्न तमाशा
खुशी मना , ले चाट बताशा !!!
--आदित्य कमल
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