भारत, एक 
सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध राष्ट्र, आज एक नए युग की दहलीज पर खड़ा है। "सशक्त भारत" केवल एक नारा नहीं, बल्कि वह स्वप्न है, जिसे हर देशवासी अपनी आंखों में संजोए हुए है। यह वह परिकल्पना है, जिसमें एक ऐसा भारत है जो आत्मनिर्भर है, तकनीकी रूप से सक्षम है, सामाजिक  से समरस है और वैश्विक मंच पर नेतृत्व की भूमिका निभाने में सक्षम है।भारत, जो कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था, आज पुनः उसी गौरव की ओर अग्रसर है। बीते कुछ वर्षों में जिस गति से भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई है, वह एक सशक्त भारत के निर्माण की स्पष्ट झलक है। लेकिन आने वाला समय भारत के लिए और भी अधिक महत्वपूर्ण, चुनौतीपूर्ण और संभावनाओं से भरा हुआ होगा। ऐसे में “सशक्त भारत की परिकल्पना” को साकार करना हम सबकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

 आत्मनिर्भर भारत 

आने वाले समय में भारत को केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक वैश्विक उत्पादक बनना होगा। स्टार्टअप, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता भारत को आर्थिक शक्ति बनाएगी। "मेक इन इंडिया" और "डिजिटल इंडिया" को नई दिशा देने की आवश्यकता होगी।सशक्त भारत की नींव आत्मनिर्भर भारत पर टिकी है। कृषि से लेकर अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में जब भारत अपने संसाधनों और तकनीकी क्षमता का उपयोग स्वयं करेगा, तभी वह सशक्तता की ओर अग्रसर हो सकेगा।

हर हाथ को काम 

2025 के बाद भारत विश्व की सबसे युवा जनसंख्या वाला देश होगा। यह जनसांख्यिकीय लाभ तभी उपयोगी होगा जब हर युवा को रोजगार, उद्यमिता और हुनर से जोड़ा जाएगा। Skill IndiaPM Kaushal Vikas Yojana और Atmanirbhar Rozgar Yojana जैसी योजनाओं को और व्यापक बनाना आवश्यक होगा।

डिजिटल क्रांति

डिजिटल इंडिया अभियान ने भारत के सुदूर गांवों तक इंटरनेट और तकनीकी सेवाएं पहुंचाकर आम नागरिक को शक्ति दी है। अब बैंकिंग, शिक्षा, चिकित्सा और सरकारी योजनाएं एक क्लिक की दूरी पर हैं। यही तकनीकी सशक्तिकरण भारत को 21वीं सदी का नेतृत्वकर्ता बनाएगा।

हर घर तक शिक्षा 

शिक्षा आने वाले भारत की सबसे बड़ी ताकत होगी। डिजिटल शिक्षा, दूरस्थ क्षेत्रों तक इंटरनेट, और स्थानीय भाषाओं में पाठ्य सामग्री का विकास—ये सभी बातें सशक्त भारत की नींव को मजबूत करेंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का पूर्ण कार्यान्वयन आने वाले दशक की सबसे बड़ी उपलब्धि बन सकती है।

महिला सशक्तिकरण

आने वाले समय में महिलाओं की भूमिका केवल सहायक नहीं, बल्कि निर्णायक होगी। STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) में उनकी भागीदारी, रक्षा सेवाओं में उनका योगदान, और राजनैतिक नेतृत्व में उनका सशक्त उदय—सशक्त भारत का दर्पण बनेंगे।

स्वास्थ्य और स्वच्छता 

COVID-19 ने हमें सिखाया कि स्वास्थ्य सशक्त राष्ट्र की पहली शर्त है। आने वाले समय में भारत को ग्रामीण क्षेत्रों में भी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। आयुष्मान भारतजन औषधि योजना और स्वच्छ भारत मिशन को निरंतरता और नवाचार की आवश्यकता होगी।

पर्यावरणीय चेतना 

एक सशक्त भारत, आने वाले समय में वह होगा जो प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व रखे। ग्रीन एनर्जीइलेक्ट्रिक मोबिलिटी, और जल संरक्षण के क्षेत्र में भारत को नेतृत्वकारी भूमिका निभानी होगी। एक सशक्त भारत की परिकल्पना केवल आर्थिक विकास से नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ी है। स्वच्छ भारत मिशन, गंगा स्वच्छता अभियान, वन संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की पहलें वैश्विक स्तर पर सराही गई हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक शक्ति

भारत की सैन्य शक्ति, आधुनिक हथियारों और दृढ़ कूटनीति के साथ वैश्विक सुरक्षा मंच पर उसका योगदान भी इसे सशक्त बनाता है। आतंकवाद के विरुद्ध भारत की स्पष्ट नीति और साहसिक कदम उसके मजबूत इरादों के प्रतीक हैं।

आर्थिक उन्नयन

भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। युवा जनसंख्या, वैश्विक निवेश, स्टार्टअप संस्कृति और सरकार की दूरदर्शिता ने देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है।

वैश्विक नेतृत्व 

सशक्त भारत की परिकल्पना केवल आंतरिक विकास तक सीमित नहीं होगी, बल्कि यह भारत को विश्वगुरु बनने की ओर ले जाएगी। "वसुधैव कुटुम्बकम्" की भावना के साथ भारत वैश्विक मंच पर शांति, सहयोग, तकनीक, और कूटनीति में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

सशक्त भारत की परिकल्पना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक सतत यात्रा है—जिसमें सरकार, समाज और प्रत्येक नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। जब हर हाथ में हुनर होगा, हर मन में आत्मविश्वास होगा, हर स्त्री सुरक्षित और सम्मानित होगी, हर बालक शिक्षित होगा—तभी यह स्वप्न साकार होगा। आने वाले समय में सशक्त भारत केवल आर्थिक, सामरिक या तकनीकी दृष्टि से सशक्त नहीं होगा, बल्कि वह नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी विश्व में उदाहरण बनेगा। इसका निर्माण न कोई सरकार अकेले कर सकती है और न कोई संगठन विशेष—बल्कि इसके लिए हर नागरिक को एक सिपाही बनना होगा।

आइए, हम सब मिलकर इस परिकल्पना को साकार करें और एक ऐसे भारत का निर्माण करें, जो न केवल अपने नागरिकों के लिए आदर्श हो, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बने। हम संकल्प लें कि हम आने वाले समय में एक ऐसे भारत की रचना करेंगे, जो उन्नत हो, आत्मनिर्भर हो, समानता और सद्भाव से परिपूर्ण हो—वह भारत, जो न केवल खुद को बल्कि विश्व को भी दिशा देने में सक्षम हो। यही सशक्त भारत की सच्ची परिकल्पना होगी।


कमलेश झा शिव दुर्गा विहार फरीदाबाद हरियाणा 


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