नेपाल में विनाशकारी घटना किसी अनजाने साजिश की ओर इशारा कर रहा है। वर्ना संवैधानिक संस्थानों, प्रतिष्ठानों, राजनैतिक दलों के कार्यालयों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, मन्त्रियों के साथ मारपीट उनके निजी आवासों में आगजनी लूटपाट, जेल में बंद अपराधियों को छुडाकर भागना, पूर्व प्रधानमंत्री के पत्नी को जिंदा जलाना राजनैतिक षडयंत्र, देशद्रोह या आतंकी हमला की ओर इशारा कर रहा है। 

नेपाल की जनता को विचार करना होगा यह क्रांति था, राजनैतिक षडयंत्र था या आतंकवादी हमला। सोसल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में चला विरोध प्रदर्शन कब आतंकी गतिविधियों में तब्दील हो गया आंदोलनकारियों को इसकी भनक तक नही लगी। 

यह आतंकी घटनाक्रम नेपाल को वैश्विक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से बहुत पीछे ढकेल दिया है। नेपाल कम से कम 15-20 साल पीछे चला गया। शक के दायरे में पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह, काठमांडू का मेयर बालेन्द्र शाह, युवा नेता तुषार गुरुंग और पूर्व उप प्रधानमंत्री सह गृहमंत्री रवी लामेछामे की गिरफ्तारी और पूछताछ होनी चाहिए। क्योंकि इनकी राजनैतिक महत्वकांक्षा से हर कोइ परिचित हैं। इसलिएि इनकी भूमिका संदिग्ध है। हमारी संवेदना नेपाल और वहां की जनता के साथ है।

- रणधीर सिंह सुमन 

0 comments:

Post a Comment

 
Top